शनि की ढ़ैय़्या और साढ़ेसाती हर मनुष्य के जीवन में आती है और उसके जीवन में बदलाव भी अवश्य आता है और यह बदलाव अच्छा भी हो सकता या बुरा भी हो सकता है यह उस व्यक्ति की आपकी जन्म कुंडली पर आधारित होता है क्योंकि अच्छी दशा के साथ शनि की ढैय्या अथवा साढ़ेसाती बुरा फल नहीं देती है लेकिन यदि आपके गृह अशुभ भाव में बैठे हैं या अशुभ ग्रह की दशा चल रही है तब काफी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. परेशानियों से बचने के लिए शनि महाराज को प्रसन्न रखना चाहिए जिससे आप शनि की ढ़ैय़्या या साढ़ेसाती के दुष्प्रभावों से बच सकें । इसके लिए आपको शनि का दान, मंत्र जाप, पूजन, उपाय आदि करने चाहिए जिससे आपको काफी राहत मिलती हैं।
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शनि को शांत रखने के लिए शनि के बीज मंत्र की कम से कम तीन मालाएँ अवश्य करनी चाहिए और बीज मंत्र के बाद शनि स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत लाभदायक होता है। वैसे तो शनि की ढ़ैय़्या के उपाय और शनि की साढ़ेसाती के उपाय काफी हद तक एक जैसे ही होते हैं। इसलिए शनि की ढ़ैय़्या से बचने के लिए आप शनि की साढ़ेसाती के उपाय भी कर सकते हैं। इन उपायों को पूरी श्रद्धा तथा विश्वास से करने पर अवश्य ही लाभ मिलता है और शनि देव की कृपा भी आप पर बनी रहती है।
शनि की ढ़ैय़्या से बचने के उपाय हिंदी में
Shani Ki Dhaiya Se achne ke upay Hindi Me
- कौआ और कुत्ता इनका संबंध भी शनि से माना जाता है। जब शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या दशा चल रही हो तब कुत्ते को नहीं मारना चाहिए। कुत्ते के ऊपर पानी भी नहीं फेंकना चाहिए। हर दिन हो सके तो एक रोटी किसी कुत्ते को खिलाएं। अगर कुत्ता काले रंग का हो तो उत्तम रहेगा। एक रोटी जल में डालकर छत पर कौए के लिए रख दें। कौआ आकर रोटी खाने लगे तो समझिए शनि महाराज की कृपा हो गई है आप पर। इस उपाय से पितृदोष में भी लाभ मिलता है।
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- सुबह स्नान करने के बाद पीपल को जल अर्पित करें। इसके साथ ही सात परिक्रमा करें। सूर्यास्त के बाद सुनसान स्थान पर लगे पीपल के पास दीपक प्रज्वलित करें। यदि ऐसा न हो तो किसी मंदिर में लगे पीपल के पास भी दीपक प्रज्वलित किया जा सकता है।
- सुबह शीघ्र उठकर स्नादि कार्यों से निवृत होकर एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें। उसके बाद उस तेल को किसी जरुरतमंद व्यक्ति को दान कर दें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और भाग्य संबंधी बाधाएं भी दूर होती हैं।
- दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए सामर्थ्य के अनुसार काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते हैं।
- बंदरों को गुड़ व चना खिलाने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं। प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति को शनि दोषों का सामना नहीं करना पड़ता।
- शनि दशा में अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोज 108 बार करते हैं तो शनि देव की दशा से जल्द से जल्द छुटकारा मिलेगा। अगर आप 108 बार नहीं तो 21 बार इस मंत्र का जाप करें।
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- शनिवार के दिन जल में गुड़ या चीनी मिलाकर पीपल को जल देने और सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दिया पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं और पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा लगातार 40 शनिवार करें।
- साढ़े साती के दौरान ग्रह शनि को खुश करने के लिए प्रत्येक शनिवार को भगवान शनि की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है।
- अपनी थाली में पहली रोटी लेने के बाद उसके तीन हिस्से कर लें और फिर उसे एक गाय, एक कुत्ते और एक कौवे को खिलाएं।
- शनि की साढ़ेसाती के दुष्प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए आपको रोज़ाना हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए।
- शनि के साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार को शनि देव के मंदिर में सरसों का तेल और ताम्बा चढ़ाएं।
- शनिवार के दिन सुबह नंगे पैर हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान जी के चरणों का सिन्दूर लेकर माथे पर लगाएं।
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- शनि के प्रकोप को दूर करने के लिए रोज़ाना काले रंग की भैंस की देखभाल करें और उसे गुड़ खिलाएं।
- शनि देव की दशा को दूर करने के लिए सोमवार को शिवलिंग पर कच्चे दूध के साथ काले तिल चढ़ाएं।
- शनि दशा में काले घोड़े की नाल की अंगूठी बनवाएं और उसे हाथ की बीच की उंगली में पहनें।
- प्रत्येक शनिवार को उड़द की दाल को भोजन में शामिल कीजिए और एक समय उपवास करिये।
- शनि के मंत्र ॐ शं शनिश्चरायै नमः का जाप 3 माला रोज शाम को करें।
- शनि को ठीक करने के लिए सबसे पहले अपने आचरण में सुधार करना चाहिए।
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- शनि का शुभ परिणाम पाने के लिए अपने माता-पिता को हमेशा सम्मान दें।
- शनिवार की रात में स्वयं न दूध पीते हुए रात के समय कुत्ते को दूध पिलायें।
- शनि की साढ़ेसाती में शराब, मांस, मछली अंडे आदि सेवन न करें।
- एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरें और दान कर दें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए।
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